फिल्म की शुरुआत मशहूर अंग्रेज़ी शायर येट्स की दो पंक्तियों से होती है; “Everything in this world is eater or eaten. The seed is food and the fire is eater” - यह पंक्तियां येट्स के द्वारा की गई उपनिषद की व्याख्या का हिस्सा हैं ।
इस तरह की फिल्में मुझे धर्म संकट में डाल देती हैं, इसका एक पहलू है कि में भला क्यों एक फिरंगी कि नज़रों से अपने देश की बदसूरती का तजुर्बा लूं ? वहीं दूसरी ओर…